मनुष्य को अपनी कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद लेने के लिए ये आवश्यक है।

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मनुष्य को अपनी कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद लेने के लिए ये आवश्यक है। : Manushya ko apni kathinaaiyon ki avashyakta hoti hai kyonki safalta ka aanand lene ke liye ye avashyak hai. - A. P. J. Abdul Kalam
मनुष्य को अपनी कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद लेने के लिए ये आवश्यक है। : Manushya ko apni kathinaaiyon ki avashyakta hoti hai kyonki safalta ka aanand lene ke liye ye avashyak hai. - A. P. J. Abdul Kalam

Manushya ko apni kathinaaiyon ki avashyakta hoti hai kyonki safalta ka aanand lene ke liye ye avashyak hai. | मनुष्य को अपनी कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद लेने के लिए ये आवश्यक है।

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