“मैं आपको बताता हूँ, आपके भीतर एक परमानंद का फव्वारा है, प्रसन्नता का झरना है. आपके मूल के भीतर सत्य,प्रकाश, प्रेम है, वहां कोई अपराध बोध नहीं है, वहां कोई डर नहीं है. मनोवैज्ञानिकों ने कभी इतनी गहराई में नहीं देखा|”
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main aapko btata hu, aapke bheetar ek paramanand ka fuvvara hai, prasannata ka jharna hai. aapke mool ke bheetar satya, prakash , prem hai. | “मैं आपको बताता हूँ, आपके भीतर एक परमानंद का फव्वारा है, प्रसन्नता का झरना है. आपके मूल के भीतर सत्य,प्रकाश, प्रेम है, वहां कोई अपराध बोध नहीं है, वहां कोई डर नहीं है. मनोवैज्ञानिकों ने कभी इतनी गहराई में नहीं देखा|”
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- “जब आप अपना दुःख बांटते हैं , वो कम नहीं होता. जब आप अपनी ख़ुशी बांटने से रह जाते हैं, वो कम हो जाती है.अपनी समस्याओं को सिर्फ ईश्वर से सांझा करें , और किसी से नहीं, क्योंकि ऐसा करना सिर्फ आपकी समस्या को बढ़ाएगा.अपनी ख़ुशी सबके साथ बांटें|
- स्वर्ग से कितना दूर? बस अपनी आँखें खोलो और देखो। तुम स्वर्ग में हो।
- स्वप्न विचारों में परिवर्तित होते हैं और विचार कार्य में परिणत होते हैं।
- भगवान केवल उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं।
- ईश्वर की संतान के रूप में, मेरे साथ जो कुछ भी घटित हो सकता है, मैं उससे बड़ा हूँ।
- यादें और भावनाएं यातना का सबसे बड़ा रूप हो सकती हैं।
- सच तो यह है कि किसी व्यवस्था के लाभार्थियों से उसे नष्ट करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
- आज़ादी कभी दी नहीं जाती, जीती जाती है।
- उच्छृंखल होने का एक फायदा यह है कि व्यक्ति लगातार रोमांचक खोजें करता रहता है।
- जोखिम के बिना कोई साहसिक कार्य नहीं है, और साहस के समान कोई उत्साह नहीं है।