कायर मृत्यु से पूर्व अनेकों बार मर चुकता है, जबकि बहादुर को मरने के दिन ही मरना पड़ता है।

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कायर मृत्यु से पूर्व अनेकों बार मर चुकता है, जबकि बहादुर को मरने के दिन ही मरना पड़ता है। : Kayar mrityu se poorva aneko baar marta hai jabki bahadur ko marne ke din hi marna padta hai - प्रज्ञा सुभाषित
कायर मृत्यु से पूर्व अनेकों बार मर चुकता है, जबकि बहादुर को मरने के दिन ही मरना पड़ता है। : Kayar mrityu se poorva aneko baar marta hai jabki bahadur ko marne ke din hi marna padta hai - प्रज्ञा सुभाषित

kayar mrityu se poorva aneko baar marta hai jabki bahadur ko marne ke din hi marna padta hai | कायर मृत्यु से पूर्व अनेकों बार मर चुकता है, जबकि बहादुर को मरने के दिन ही मरना पड़ता है।

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