हम भगवान को खोजने कहां जा सकते हैं अगर उनको अपने दिल और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।
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ham bhagavaan ko khojane kahaan ja sakate hain agar unhen apane dil aur har ek jeevit praanee mein nahin dekh sakate. | हम भगवान को खोजने कहां जा सकते हैं अगर उनको अपने दिल और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।
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- जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।
- हिन्दू संस्कृति आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर स्थित है।
- बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी है, जैसा कि हम अंदर से सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की।
- कर्म योग का रहस्य है कि बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना है, यह भगवान कृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है।
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