गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो।
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gareeb vo hai jisaka koi dost na ho. | गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो।
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- अधिक संपत्ति नहीं, बल्कि सरल आनंद को खोजें। बड़े भाग्य नहीं, बल्कि परम सुख को खोजें।
- पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।
- पैसो का लोभ ही सारी बुराइयों की जड़ है|
- किसी ने हजरत अली रज़ी से पूछा के जिनकी माँ नही होती उनके बच्चों को दुआ कौन देता है? आप ने फरमाया के कोई झील अगर सुख भी जाए तो मिट्टी से नमी नही जाती इसी तरह माँ के इन्तेकाल के बाद भी अपनी औलाद को दुआ देती रहती है।
- जब कीमतों पर शुक्र अदा किया जाए तो वह कभी ख़त्म नही होती ।
- हमेशा जालिमों का दुश्मन और मजलूमों का मददगार बन कर रहना।
- दुनिया अमल की जगह है, मौत के बाद हमको और तुम्हे पता चलेगा ।
- जाहिल के सामने अक़्ल की बात मत करो पहले वो बहस करेगा फिर अपनी हार देखकर दुश्मन हो जायेगा।
- एक ज़माना ऐसा भी आएगा कि लोग अपने रब को भुल जाएंगे,लिबास बहुत क़ीमती पहन कर बज़ार में अकड़ कर चलेंगे और इस बात से बेखबर होंगे के उसी बाज़ार में उन का कफन मौजूद है ।
- कभी भी अपनी जिस्मानी ताकत और दौलत पर भरोसा न करना क्युँकि बीमारी और ग़रीबी आने में देर नही लगती।