चरित्र के बिना ज्ञान घनघोर पाप हैं
By : महात्मा गाँधी
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charitr ke bina gyaan ghanaghor paap hai | चरित्र के बिना ज्ञान घनघोर पाप हैं
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- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- आप मानवता में विश्वास मत खोइए, मानवता सागर की तरह है। अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।
- आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती है।
- आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं
- कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है
- दुनिया हर किसी की ‘ जरूरत ‘ के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के ‘ लालच ‘ के लिए नहीं।
- स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है – स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
- मानवता की महानता मानव होने में नहीं है, बल्कि मानवीय होने में है।
- नैतिकता के बिना व्यापार घनघोर पाप हैं