इंसान अगर लोभ को ठुकरा दे तो बादशाह से भी ऊंचा दर्जा हासिल कर सकता है, क्योंकि संतोष ही इंसान का माथा हमेशा ऊंचा रख सकता है - agar insaan lobh ko thukra de to badhshah se bhi uncha darja haasil kar sakta hai, kyonki santosh hi insaan ka matha hamesha unchaa rakh sakta hai. : शेख सादी शिराज़ी

इंसान अगर लोभ को ठुकरा दे तो बादशाह से भी ऊंचा दर्जा हासिल कर सकता है, क्योंकि संतोष ही इंसान का माथा हमेशा ऊंचा रख सकता है। : Agar insaan lobh ko thukra de to badhshah se bhi uncha darja haasil kar sakta hai, kyonki santosh hi insaan ka matha hamesha unchaa rakh sakta hai. - शेख सादी शिराज़ी

अज्ञानी आदमी के लिये खामोशी से बढ़कर कोई चीज नहीं, और अगर उसमें यह समझने की बुद्धि है तो वह अज्ञानी नहीं रहेगा - agyaani aadmi ke liye khamoshi se badhkar koi aur cheez nahi hai aur agar usme yah samjhne ki buddhi hai to vah agyaani nahi rahega. : शेख सादी शिराज़ी

अज्ञानी आदमी के लिये खामोशी से बढ़कर कोई चीज नहीं, और अगर उसमें यह समझने की बुद्धि है तो वह अज्ञानी नहीं रहेगा। : Agyaani aadmi ke liye khamoshi se badhkar koi aur cheez nahi hai aur agar usme yah samjhne ki buddhi hai to vah agyaani nahi rahega. - शेख सादी शिराज़ी