मेरे पिता को प्रकृति के प्रति एक बड़ा जुनून था। वास्तव में, मैंने उन्हीं से प्रकृति से प्यार करना सीखा. उन्होंने हमेशा प्रकृति संरक्षण की कारण वकालत की। मेरे पिता ने मुझमें भी यह चीज डाली - mere pita ko prakriti ke prati bda junoon tha. vastav me maine unhi se prakriti ko pyaar karna seekha. : मुकेश अंबानी
आज मैं एक अरब लोगों में एक अरब संभावित उपभोक्ताओं को देखता हूँ, उनके लिए मूल्य उत्पन्न करने का एक अवसर और अपनी वापसी के लिए एक अवसर के रूप में देखता हूँ - aaj me ek arab logo me ek arab sambhavit upbhoktaaon ko dekhta hu. unke lliye moolya utpann karne ka avsar aur apni wapasi ke avsar ke roop me dekhta hu. : मुकेश अंबानी
अगर हम हमारे विचार प्रक्रिया के केंद्र में लाखों भारतीयों को रखते हैं, अगर हम उनके आत्म बोध के खातिर उनके कल्याण, उनके भविष्य के बारे में सोचते हैं, हम सही रास्ते पर हैं। भारत तभी बढेगा, विकास करेगा जब ये समृद्ध, विकसित होंगे। हम किसी भी गूढ़ रणनीतियों से विकसित नहीं हो सकते। हमारी क्रय शक्ति, हमारी आर्थिक ताकत, हमारे बाजार सभी इन लोगों की समृद्धि पर निर्भर करता है - agar hum hamare vichar prakriya ke kendra me laakho bharteeyon ko rakhte hain,, agar hum unke aatm bodh ki khatir unke bhavishya aur kalyaan ke baare me sochte hain, to hum bilkul sahi raaste par hain. : मुकेश अंबानी
मुझे ये लगता है कि हमारे मौलिक धारणा यह है कि हमारा विकास जीवन का एक तरीका है और हमें हमेशा विकासशील बने रहना चाहिए - mujhe yah lagta hai ki hamaree maulik dhaarna yah haiki hamara vikaas jeevan ka ek tareeka hai aur humein vikassheel bane rahna chahiiye. : मुकेश अंबानी
मैं जब भी मेरे पिता के बारे में सोचता हूँ, तब मैं गर्व महसूस करता हूँ - main jab bhi mere pita ke baare mein sochta hu , garv mehsoos karta hu. : मुकेश अंबानी
मुझे मेरे काम से बहुत प्यार है, इसलिए जब भी मैं काम करता हूँ, कभी भी थकान महसूस नहीं होती - mujhe mere kam se bahut pyaar hai, isliye jab bhi main kaam karta hu,kabhi bhi thakaan mehsoos nahi karta . : मुकेश अंबानी