आँख के बदले में आँख, पूरे विश्व को अँधा बना देगी।
By : महात्मा गाँधी
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aankh ke badale mein aankh, pooree duniya ko andha bana degee. | आँख के बदले में आँख, पूरे विश्व को अँधा बना देगी।
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- कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है
- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को मयान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
- आप मानवता में विश्वास मत खोइए, मानवता सागर की तरह है। अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।
- आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती है।
- आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं
- दुनिया हर किसी की ‘ जरूरत ‘ के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के ‘ लालच ‘ के लिए नहीं।
- स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है – स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
- मानवता की महानता मानव होने में नहीं है, बल्कि मानवीय होने में है।