अपनी वर्तमान अवस्था के जिम्मेदार हम ही हैं, और जो कुछ भी हम होना चाहते हैं, उसकी शक्ति भी हमीं में है। यदि हमारी वर्तमान अवस्था हमारे ही पूर्व कर्मों का फल है, तो यह निश्चित है कि जो कुछ हम भविष्य में होना चाहते हैं, वह हमारे वर्तमान कार्यों द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है।

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अपनी वर्तमान अवस्था के जिम्मेदार हम ही हैं, और जो कुछ भी हम होना चाहते हैं, उसकी शक्ति भी हमीं में है। यदि हमारी वर्तमान अवस्था हमारे ही पूर्व कर्मों का फल है, तो यह निश्चित है कि जो कुछ हम भविष्य में होना चाहते हैं, वह हमारे वर्तमान कार्यों द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है। : Apanee vartamaan avastha ke jimmedaar ham hee hain, aur jo kuchh bhee ham hona chaahate hain, usakee shakti bhee hameen mein hai. yadi hamaaree vartamaan avastha hamaare hee poorv karmon ka phal hai, to yah nishchit hai ki jo kuchh ham bhavishy mein hona chaahate hain, vah hamaare vartamaan kaaryon dvaara hee nirdhaarit kiya ja sakata hai. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda
अपनी वर्तमान अवस्था के जिम्मेदार हम ही हैं, और जो कुछ भी हम होना चाहते हैं, उसकी शक्ति भी हमीं में है। यदि हमारी वर्तमान अवस्था हमारे ही पूर्व कर्मों का फल है, तो यह निश्चित है कि जो कुछ हम भविष्य में होना चाहते हैं, वह हमारे वर्तमान कार्यों द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है। : Apanee vartamaan avastha ke jimmedaar ham hee hain, aur jo kuchh bhee ham hona chaahate hain, usakee shakti bhee hameen mein hai. yadi hamaaree vartamaan avastha hamaare hee poorv karmon ka phal hai, to yah nishchit hai ki jo kuchh ham bhavishy mein hona chaahate hain, vah hamaare vartamaan kaaryon dvaara hee nirdhaarit kiya ja sakata hai. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

apanee vartamaan avastha ke jimmedaar ham hee hain, aur jo kuchh bhee ham hona chaahate hain, usakee shakti bhee hameen mein hai. yadi hamaaree vartamaan avastha hamaare hee poorv karmon ka phal hai, to yah nishchit hai ki jo kuchh ham bhavishy mein hona chaahate hain, vah hamaare vartamaan kaaryon dvaara hee nirdhaarit kiya ja sakata hai. | अपनी वर्तमान अवस्था के जिम्मेदार हम ही हैं, और जो कुछ भी हम होना चाहते हैं, उसकी शक्ति भी हमीं में है। यदि हमारी वर्तमान अवस्था हमारे ही पूर्व कर्मों का फल है, तो यह निश्चित है कि जो कुछ हम भविष्य में होना चाहते हैं, वह हमारे वर्तमान कार्यों द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है।

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