भारत हमारी संपूर्ण (मानव) जाति की जननी है तथा संस्कृत यूरोप के सभी भाषाओं की जननी है: भारतमाता हमारे दर्शनशास्त्र की जननी है, अरबॊं के रास्ते हमारे अधिकांश गणित की जननी है, बुद्ध के रास्ते इसाईयत मे निहित आदर्शों की जननी है, ग्रामीण समाज के रास्ते स्व-शासन और लोकतंत्र की जननी है। अनेक प्रकार से भारत माता हम सबकी माता है।
By : विलियम ड्रूरंट
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bharat hamari smapurna maanav jaati ki janni haitatha sanskrit europe ki sabhi bhashaon ki jannni hai. bharatmata hamare darshanshastra ki janni hai, arab ke raste ganit ki janni hai. buddha ke raste christianity ki janani hai, grameen samaj ke raste swa-shasan aur loktantra ki janani hai. anek prakar se bharatmata hum sabki mata hai. | भारत हमारी संपूर्ण (मानव) जाति की जननी है तथा संस्कृत यूरोप के सभी भाषाओं की जननी है: भारतमाता हमारे दर्शनशास्त्र की जननी है, अरबॊं के रास्ते हमारे अधिकांश गणित की जननी है, बुद्ध के रास्ते इसाईयत मे निहित आदर्शों की जननी है, ग्रामीण समाज के रास्ते स्व-शासन और लोकतंत्र की जननी है। अनेक प्रकार से भारत माता हम सबकी माता है।
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