चाहे धन, मान, कुटुम्ब और प्राणों तक का त्याग करना पड़े, पर धर्म को कदापि न छोडा जाए।
By : महात्मा गाँधी
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
chaahe dhan, maan, kutumb aur praanon tak ka tyaag karana pade, par dharm ko kad any na chhoda jae. | चाहे धन, मान, कुटुम्ब और प्राणों तक का त्याग करना पड़े, पर धर्म को कदापि न छोडा जाए।
Related Posts
- जहाँ प्रेम है, वहां ईश्वर है।
- त्याग के बिना पूजा घनघोर पाप हैं
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
- वह धार्मिक है, जो दूसरों का दर्द समझता है।
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है।
- हजारों लोगों द्वारा कुछ सैकडों की हत्या करना बहादुरी नहीं है। यह कायरता से भी बदतर है। यह किसी भी राष्ट्रवाद और धर्म के विरुद्ध है।
- जीते-जागते सत्य के बिना ईश्वर कहीं नहीं है.
- परमानंद किसी के अपने लक्ष्य तक पहुंचने के प्रयास में निहित है,न कि वहां पहुंचने में.
- जो आपको दुश्मन समझते हैं,उनसे भी मित्रवत व्यवहार करना सच्चे धर्म का मर्म है.
- अधिक संपत्ति नहीं, बल्कि सरल आनंद को खोजें। बड़े भाग्य नहीं, बल्कि परम सुख को खोजें।