वह आदमी वास्तव में बुद्धिमान है जो क्रोध में भी गलत बात मुंह से नहीं निकालता।
By : शेख सादी शिराज़ी
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vah aadmi vastav mein buddhiman hai jo krodh mein bhi galat baat muh se nahi nikalata hai. | वह आदमी वास्तव में बुद्धिमान है जो क्रोध में भी गलत बात मुंह से नहीं निकालता।
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- घमंड करना जाहिलों का काम है।
- ग़रीबों के समान विनम्र अमीर और अमीरों के समान उदार ग़रीब ईश्वर के प्रिय पात्र होते हैं।
- लोभी को पूरा संसार मिल जाए तो भी वह, भूखा रहता है, लेकिन संतोषी का पेट, एक रोटी से ही भर जाता है।
- वाणी मधुर हो तो सब कुछ वश में हो जाता है, अन्यथा सब शत्रु बन जाते हैं।
- इंसान अगर लोभ को ठुकरा दे तो बादशाह से भी ऊंचा दर्जा हासिल कर सकता है, क्योंकि संतोष ही इंसान का माथा हमेशा ऊंचा रख सकता है।
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- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।