शत्रु की घात विफल हो सकती है, किन्तु आस्तीन के साँप बने मित्र की घात विफल नहीं होती।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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shatru ki ghaat vifal ho sakti hai kintu aasteen ka saanp bane mitra ki ghaat kabhi vifal nahi ho sakti hai. | शत्रु की घात विफल हो सकती है, किन्तु आस्तीन के साँप बने मित्र की घात विफल नहीं होती।
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- जो सबका मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है।
- मनुष्य चाहे तो प्रेम से सब कुछ हासिल कर सकता है।
- अपने जीवन को एक नई दिशा में ले जाने की शक्ति को कभी कम मत होने दो।
- सफल व्यक्ति अपनी सफलता के बाद ढिंढोरा नही पीटता है।
- वही व्यक्ति अपना है जो आपकी सफलता से खुश होता है।
- यदि हम दूसरों के लिए कुछ अच्छा करते हैं,तो स्वयं के लिए अच्छा होने की चिंता छोड़ देनी चाहिए।
- उस फूल की तरह बनो जो टूटने के बाद भी हाथों को महकता रहता है|
- जहां देखभाल है वही प्रेम है।
- खुशियां प्यार और धन बांटने से बढ़ता है घटता नही।
- सफल नेतृत्व के लिए मिलनसारी, सहानुभूति और कृतज्ञता जैसे दिव्य गुणों की अतीव आवश्यकता है।