प्रथ्वी पर व्यक्ति की सब जरूरतों की पूर्ती हो सकती परन्तु लालच की पूर्ती कही नहीं हो सकती |
By : महात्मा गाँधी
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
prathvee par vyakti kee sab jarooraton kee poortee ho sakatee parantu laalach kee poortee kahee nahin ho sakatee | | प्रथ्वी पर व्यक्ति की सब जरूरतों की पूर्ती हो सकती परन्तु लालच की पूर्ती कही नहीं हो सकती |
Related Posts
- हिंसा मस्तिष्क की अपील है और अहिंसा दिल की गुणवत्ता।
- कोई पछतावा नहीं। उसके लिए कोई समय नहीं है। पछतावा उबाऊ है।
- पक्षी अपने जीवन और अपनी प्रेरणा से संचालित होता है।
- यही जीवन है… जब सब कुछ खो जाए तो फिर से शुरू करना!
- यही जीवन है… जब सब कुछ खो जाए तो फिर से शुरू करना!
- यही जीवन है… जब सब कुछ खो जाए तो फिर से शुरू करना!
- पागलपन और प्रतिभा की दूरी को केवल सफलता से ही मापा जा सकता है।
- मैं चाहता हूं की वो भी मुझसे उतना ही प्रेम करे जितना मैं उससे करता हूं।
- किसी भी कार्य में सफल होने के लिए व्यवहारिकता काम आती है
- तुम्हारे आने के बाद मेरे जीवन में कोई दुख नही रहा।