नैतिकता के बिना व्यापार घनघोर पाप हैं
By : महात्मा गाँधी
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naitikata ke bina vyaapaar ghanaghor paap hai | नैतिकता के बिना व्यापार घनघोर पाप हैं
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- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- दुनिया हर किसी की ‘ जरूरत ‘ के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के ‘ लालच ‘ के लिए नहीं।
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
- अधिक संपत्ति नहीं, बल्कि सरल आनंद को खोजें। बड़े भाग्य नहीं, बल्कि परम सुख को खोजें।
- आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती है।
- आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं
- स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है – स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
- मानवता की महानता मानव होने में नहीं है, बल्कि मानवीय होने में है।
- मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ।
- क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।