महात्मा आये और चले गये। परन्तु अछुत, अछुत ही बने हुए हैं।
By : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
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mahatma aaye aur chale gae. paranyatu achhut, achhut hee bane hue hain. | महात्मा आये और चले गये। परन्तु अछुत, अछुत ही बने हुए हैं।
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