लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना।

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लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना। : Log tumhaaree stuti karen ya ninda, lakshy tumhaara oopar krpaalu ho ya na ho, tumhaara dehaant aaj ho ya yug mein, haalaanki tum nyaayapath se kabhee bhrasht na ho. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda
लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना। : Log tumhaaree stuti karen ya ninda, lakshy tumhaara oopar krpaalu ho ya na ho, tumhaara dehaant aaj ho ya yug mein, haalaanki tum nyaayapath se kabhee bhrasht na ho. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

log tumhaaree stuti karen ya ninda, lakshy tumhaara oopar krpaalu ho ya na ho, tumhaara dehaant aaj ho ya yug mein, haalaanki tum nyaayapath se kabhee bhrasht na ho. | लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना।

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