लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना।
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log tumhaaree stuti karen ya ninda, lakshy tumhaara oopar krpaalu ho ya na ho, tumhaara dehaant aaj ho ya yug mein, haalaanki tum nyaayapath se kabhee bhrasht na ho. | लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना।
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