क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।
By : महात्मा गाँधी
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krodh aur asahishnuta sahee samajh ke dushman hain. | क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।
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- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- यदि मरना होगा, तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम व शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
- दुनिया हर किसी की ‘ जरूरत ‘ के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के ‘ लालच ‘ के लिए नहीं।
- स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है – स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
- मानवता की महानता मानव होने में नहीं है, बल्कि मानवीय होने में है।
- नैतिकता के बिना व्यापार घनघोर पाप हैं
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
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- वह धार्मिक है, जो दूसरों का दर्द समझता है।
- सत्य मेरा भगवान है अहिंसा उसे पाने का साधन है।