कभी कभी व्यक्ति ये सोच कर हार मान जाता है की वह कुछ नहीं कर सकता|
By : Unknown
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kabhee kabhee vyakti ye soch kar haar maan jaata hai kee vah kuchh nahin kar sakata| | कभी कभी व्यक्ति ये सोच कर हार मान जाता है की वह कुछ नहीं कर सकता|
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