जितना अधिक हम खुद को उस रूप में देखंगे जैसा हम बनना चाहते हैं,तो हमारे सपनों के बीच आने वाली निष्क्रिय शक्तियां भी सक्रिय हो जाएँगी
By : Unknown
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
jitana adhik ham khud ko us roop mein dekhange jaisa ham banana chaahate hain,to hamaare sapanon ke beech aane vaalee nishkriy shaktiyaan bhee sakriy ho jaengee | जितना अधिक हम खुद को उस रूप में देखंगे जैसा हम बनना चाहते हैं,तो हमारे सपनों के बीच आने वाली निष्क्रिय शक्तियां भी सक्रिय हो जाएँगी
Related Posts
- पागलपन और प्रतिभा की दूरी को केवल सफलता से ही मापा जा सकता है।
- मैं चाहता हूं की वो भी मुझसे उतना ही प्रेम करे जितना मैं उससे करता हूं।
- किसी भी कार्य में सफल होने के लिए व्यवहारिकता काम आती है
- तुम्हारे आने के बाद मेरे जीवन में कोई दुख नही रहा।
- जब किसी से कोई अपेक्षा ना हो तो व्यक्ति शांत रहता है।
- जीवन में आई परेशानियों से कभी हारे नही उनका मजबूती से सामना करें।
- पैसो का लोभ ही साड़ी बुराइयों की जड़ है|
- शिक्षा का लक्ष्य व्यक्तियों को अपनी शिक्षा जारी रखने में सक्षम बनाना है।
- कभी कभी कुछ हासिल करने के लिए भावनाओं को ठेस पहुंचाना पड़ता है।
- ईश्वर हर जगह है।