हिंसा मस्तिष्क की अपील है और अहिंसा दिल की गुणवत्ता।
By : महात्मा गाँधी
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hinsa mastishk kee apeel hai aur ahinsa dil kee gunavatta. | हिंसा मस्तिष्क की अपील है और अहिंसा दिल की गुणवत्ता।
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- जब आत्मा प्रसन्न होती है,तो मनुष्य भी प्रसन्न रहता है।
- इस संसार की मोह माया में खोने से बेहतर है भगवान की महिमा में विलीन हो जाओ।
- ऐसा जरूरी नहीं की जो सब करें वही आप करें,अपने अंदाज में कुछ करने की कोशिश करें।
- जीवन एक दुर्लभ कल्पना है जिसे वास्तुनिष्ठ हो कर साकार किया जा सकता है।
- किसी के चेहरे पर मुस्कान लाकर जो खुशी मिलती है वह को और नही मिल सकती।
- खुशी एक विकल्प है और शांति मन की अवस्था।
- इंसान को खुद से प्यार करना बहुत जरूरी है।
- खुश वही व्यक्ति रहता है जो धन को सोच समझ कर खर्च करता है।
- ऐसे व्यक्ति की तालाश करो जो तुम्हारे जिस्म से ज्यादा तुम्हारी आत्मा से प्रेम करता हो।