देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।
By : लाल बहादुर शास्त्री
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desh ke prati nishtha sabhee nishthaon se pahale aata hai aur yah poorn nishtha hai kyonki isamen koee prateeksha nahin kar sakatee ki badale mein use kya milata hai. | देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।
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- यदि पाकिस्तान का हमारे देश के किसी भी हिस्से को हड़पने का इरादा है, तो उसे नए सिरे से सोचना चाहिए। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूँ कि बल का बल से सामना होगा और हमारे खिलाफ़ आक्रामकता कभी भी सफ़ल नहीं होने दी जायेगी।
- हम सिर्फ खुद के लिए ही नहीं, बल्कि पुरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।
- हमारे देश की अनोखी बात यह है कि हमारे यहाँ हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी और अन्य सभी धर्मों के लोग रहते हैं। हमारे यहाँ मंदिर और मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च हैं। लेकिन हम यह सब राजनीति में नहीं लाते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच यही अंतर है।
- हर राष्ट्र के जीवन में एक समय आता है जब वह इतिहास के क्रॉस-रोड पर खड़ा होता है और उसे चुनना होता है कि किस रास्ते पर जाना है। लेकिन हमारे लिए कोई कठिनाई या झिझक की आवश्यकता नहीं है, कोई दाईं या बाईं ओर नहीं है। हमारा रास्ता सीधा और स्पष्ट है – सभी के लिए स्वतंत्रता और समृद्धि के साथ-साथ एक समाजवादी लोकतंत्र का निर्माण, और विश्व के सभी देशों के साथ शांति और दोस्ती।
- देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बिमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
- मैं हमेशा अपने मन में दूसरों को ऐसी सलाह देने में असहज महसूस करता रहा हूँ, जिस पर मैं खुद अमल नहीं कर रहा होता।
- जो शासन करते हैं, उन्हे देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। अंततः जनता ही मुखिया होती है।
- जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्तव्य होता है।
- राष्ट्र धर्म – निरपेक्ष, कल्याण, स्वास्थ्य, संसार, विदेशी संबंधों, मुद्रा इत्यादि का ध्यान रखेगा। लेकिन मेरे या आपके धर्म का नहीं, वो सबका निजी मामला है।
- अनुशासन और एकता ही किसी देश की ताकत होती है।