मन की अशुद्धता है लालच, और जीभ की अशुद्धता है झूठ। आँखों की अशुद्धता है किसी अन्य पुरुष की पत्नी की सुन्दरता और उसके धन को ताड़ना। कानों की अशुद्धता है दूसरों के बारे में कुवचन सुनना। हे नानक, यह मर्त्य जीवात्मा, मृत्यु की नगरी में जाने के लिए विवश है। सारी अशुद्धता संशय और द्विपेक्षता से मोह के कारण होती है। जन्म और मृत्यु ईश्वर की इच्छा पर निर्भर हैं; उन्हीं की इच्छा से हम आते और जाते हैं - man ki shuddhta lalach, jeebh ki jhooth, aankhon ki parayi stri ki sundarta, kano ki burai sunna hai. saari ashuddhta moh ke karan hain. janm mrityu ishvar ke hath me hain. : गुरु नानक देव

मन की अशुद्धता है लालच, और जीभ की अशुद्धता है झूठ। आँखों की अशुद्धता है किसी अन्य पुरुष की पत्नी की सुन्दरता और उसके धन को ताड़ना। कानों की अशुद्धता है दूसरों के बारे में कुवचन सुनना। हे नानक, यह मर्त्य जीवात्मा, मृत्यु की नगरी में जाने के लिए विवश है। सारी अशुद्धता संशय और द्विपेक्षता से मोह के कारण होती है। जन्म और मृत्यु ईश्वर की इच्छा पर निर्भर हैं; उन्हीं की इच्छा से हम आते और जाते हैं। : Man ki shuddhta lalach, jeebh ki jhooth, aankhon ki parayi stri ki sundarta, kano ki burai sunna hai. saari ashuddhta moh ke karan hain. janm mrityu ishvar ke hath me hain. - गुरु नानक देव

एक ज़माना ऐसा भी आएगा कि लोग अपने रब को भुल जाएंगे,लिबास बहुत क़ीमती पहन कर बज़ार में अकड़ कर चलेंगे और इस बात से बेखबर होंगे के उसी बाज़ार में उन का कफन मौजूद है - ek zamana aisa bhi ayega ki log apne rab ko bhul jayenge, libaas bahut kimati pahan kar bazaar mein akadkar chalenge aur is baat se bekhabar honge ke usi baazaar mein unka kafan maujood hai. : हजरत अली | Hazrat Ali

एक ज़माना ऐसा भी आएगा कि लोग अपने रब को भुल जाएंगे,लिबास बहुत क़ीमती पहन कर बज़ार में अकड़ कर चलेंगे और इस बात से बेखबर होंगे के उसी बाज़ार में उन का कफन मौजूद है । : Ek zamana aisa bhi ayega ki log apne rab ko bhul jayenge, libaas bahut kimati pahan kar bazaar mein akadkar chalenge aur is baat se bekhabar honge ke usi baazaar mein unka kafan maujood hai. - हजरत अली | Hazrat Ali

इन्सान का अपने दुश्मन से इन्तकाम का सबसे अच्छा तरीका ये है कि वो अपनी खूबियों में इज़ाफा कर दे !! - insaan ka apne dushman se intakaam ka sabse achchha tarika ye hai ki vo apani khoobiyon mein izaapha kar de. : हजरत अली | Hazrat Ali

इन्सान का अपने दुश्मन से इन्तकाम का सबसे अच्छा तरीका ये है कि वो अपनी खूबियों में इज़ाफा कर दे !! : Insaan ka apne dushman se intakaam ka sabse achchha tarika ye hai ki vo apani khoobiyon mein izaapha kar de. - हजरत अली | Hazrat Ali