बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है। जो कोई भी अपना जीवन बहुत गंभीरता से लेता है, उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए। जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में वही सबसे अच्छी तरह से जीता है - beshak karm pooja hai, kintu jeevan haasy hai. jo koi bhi ise gambheerta se leta hai wo tuchchh jeevan ke liye taiyaar ho jaaye : सरदार वल्लभ भाई पटेल | Sardar Vallabhbhai Patel
मैं जिन अरबपतियों को जानता हूँ, पैसा बस उनके अन्दर बुनियादी लक्षण लाता है। अगर वो पहले से मूर्ख थे तो अब वो अरबों डॉलर्स के साथ मूर्ख हैं - main jin arabpatiyon ko jaanta hu, paisa bas unke andar buniyadu lakshan laata hai . agar wo pahle moorkh the to b wo arabon dollars wale moorkh hain. : वॉरेन एडवर्ड बफ़े
लोग अक्सर कहते हैं कि प्रेरक विचारों से कुछ नहीं होता। हाँ भाई, वैसे तो नहाने से भी कुछ नहीं होता, तभी तो हम इसे रोज़ करने की सलाह देते हैं - log aksar kahte hain ki prerak vicharo se kuchh nahi hota . haan bhai , waise to nahane se bhi kuchh nahi hota tab bhi to hum ise roj karne ki salah dete hain. : ज़िग ज़िगलर
जब आप समुद्री डांकू बन सकते है तो फिर नौसेना में जाने की क्या ज़रुरत है? - jab aap samudri daaku ban sakte hain to fir nau-sena mein jaane ki kya jaroorat hai. : स्टीव जॉब्स | Steve Jobs
किसी व्यक्ति को एक मछली दे दो तो उसका पेट दिन भर के लिए भर जाएगा। उसे इंटरनेट चलाना सिखा दो तो वह हफ़्तों आपको परेशान नहीं करेगा - kisi vyakti ko ek machhli de do to uska pet ek din ke liye bhar jayega, use internet chalana sikha do to vah hafto tak aapko pareshan nahi karega. : अज्ञात
एक आदर्शवादी वह है जो, गुलाब को फूलगोभी की तुलना में बेहतर गंध को नोटिस करते हुये निष्कर्ष निकालता है कि इससे भी बेहतर सूप बन जाएगा - ek aadarshvaadi vah hai jo gulab ko phoolgobhi ki tulna mebehtar gandh ko notice karte hue yah nishkarsh nikalta hai ki isse bhi behatar soup ban jayega : एच एल मेंकेन
लोकतंत्र बंदर के पिंजरे से सर्कस चलाने की कला और विज्ञान है - loktantra bandar ke pinjare se circus chalane ki kala aur vigyan hai : एच एल मेंकेन
दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य कि मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता - do cheeje anant hain brahmand aur manushya ki moorkhta aur brahmand ke baare men dridhta sae nahi kah sakta. : अल्बर्ट आइन्स्टाइन