भ्रष्टाचार जैसी बुराईयां कहां से पनपती हैं? – ये कभी ना खत्म होने वाले लालच से आती हैं। भ्रष्टाचार मुक्त नैतिक समाज के लिए लड़ाई अगर लड़नी है तो इस लालच के खिलाफ लड़ाई लड़ी जानी होगी।
By : ए पी जे अब्दुल कलाम
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bhrashtaachaar jaisee buraeeyaan kahaan se panapatee hain? - ye kabhee na khatm hone vaale laalach se aate hain. bhrashtaachaar mukt naitik samaaj ke lie ladaee agar ladanee hai to is laalach ke khilaaph ladaee ladee honee chaahie. | भ्रष्टाचार जैसी बुराईयां कहां से पनपती हैं? – ये कभी ना खत्म होने वाले लालच से आती हैं। भ्रष्टाचार मुक्त नैतिक समाज के लिए लड़ाई अगर लड़नी है तो इस लालच के खिलाफ लड़ाई लड़ी जानी होगी।
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