अपनी सफलता के बीच में आलोचना करने वाले व्यक्तियों से डरे नहीं, क्यों की जो व्यक्ति खुद कुछ नही करता वह सिर्फ आलोचना ही कर सकता है।
By : Kahlil Gibran
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
apanee saphalata ke beech mein aalochana karane vaale vyaktiyon se dare nahin, kyon kee jo vyakti khud kuchh nahee karata vah sirph aalochana hee kar sakata hai. | अपनी सफलता के बीच में आलोचना करने वाले व्यक्तियों से डरे नहीं, क्यों की जो व्यक्ति खुद कुछ नही करता वह सिर्फ आलोचना ही कर सकता है।
Related Posts
- हम अपने सुख और दुख खुद ही चुनते हैं।
- कोई पछतावा नहीं। उसके लिए कोई समय नहीं है। पछतावा उबाऊ है।
- पक्षी अपने जीवन और अपनी प्रेरणा से संचालित होता है।
- यही जीवन है… जब सब कुछ खो जाए तो फिर से शुरू करना!
- यही जीवन है… जब सब कुछ खो जाए तो फिर से शुरू करना!
- यही जीवन है… जब सब कुछ खो जाए तो फिर से शुरू करना!
- किसी को खोने का डर ही,व्यक्ति को कमजोर बना देता है।
- पागलपन और प्रतिभा की दूरी को केवल सफलता से ही मापा जा सकता है।
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- मैं चाहता हूं की वो भी मुझसे उतना ही प्रेम करे जितना मैं उससे करता हूं।