मन की एकाग्रता ही समग्र ज्ञान है।
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man kee ekaagrata hee samagr gyaan hai. | मन की एकाग्रता ही समग्र ज्ञान है।
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- कर्म योग का रहस्य है कि बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना है, यह भगवान कृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- शारीरिक दुःख से मानसिक दुःख अधिक बुरा होता है।
- यदि मरना होगा, तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम व शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
- क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।
- जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।
- जीवन का रहस्य केवल आनंद नहीं बल्कि अनुभव के माध्यम से सीखना है।
- कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा। परन्तु उसके बारे में अभी मत सोचो।
- हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही ज्यादा शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे।
- जिस क्षण मैंने ईश्वर को हर इंसान में बैठे महसूस किया है, उसी क्षण से में हर इंसान के सामने सम्मान से खड़ा होता हूँ और उनमे ईश्वर को देखता हूँ।