पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।
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pavitrata, dhairy aur udyam- ye teenon gun main ek saath chaahata hoon. | पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।
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- जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।
- कर्म योग का रहस्य है कि बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना है, यह भगवान कृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है।
- कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा। परन्तु उसके बारे में अभी मत सोचो।
- चिंतन करो, चिंता नहीं; नए विचारों को जन्म दो।
- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- अक्सर मैं, ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ। जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक उसका जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है, जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है।
- यदि मरना होगा, तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम व शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
- मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए।
- दुनिया हर किसी की ‘ जरूरत ‘ के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के ‘ लालच ‘ के लिए नहीं।
- स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है – स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।