खुशी ही जीवन का अर्थ और उद्देश्य है, और मानव अस्तित्व का लक्ष्य और मनोरथ।
By : अरस्तु
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khushi hi jeevan ka arth aur uddeshya hai aur manav astitva ka lakshaya aur manorath. | खुशी ही जीवन का अर्थ और उद्देश्य है, और मानव अस्तित्व का लक्ष्य और मनोरथ।
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- खुशी हम पर निर्भर करती है।
- कविता सबसे ज्यादा खुशी या सबसे गहरे दुख से आती है।
- पूर्ण प्रसन्नता का सूत्र है अत्यधिक व्यस्त रहना।
- संपूर्ण खुशी का सूत्र है महत्वहीन चीजों में अत्यधिक व्यस्त रहना।
- वास्तव में खुश होने पर व्यक्ति को कुछ साबित करने की आवश्यकता नहीं होती।
- जब आत्मा प्रसन्न होती है,तो मनुष्य भी प्रसन्न रहता है।
- इस संसार की मोह माया में खोने से बेहतर है भगवान की महिमा में विलीन हो जाओ।
- हिंसा मस्तिष्क की अपील है और अहिंसा दिल की गुणवत्ता।
- अपनी उम्र दोस्तों के साथ बिताए सालों से गिनें, आँसू नहीं मुस्कान द्वारा अपने जीवन को जीएँ।
- स्वयं को जानना सभी ज्ञान जानने की शुरुवात है।