शिक्षित मन की यह पहचान है की वो किसी भी विचार को स्वीकार किए बिना उसके साथ सहज रहे।
By : अरस्तु
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
shikshit man ki yah pahchan hai ki wo kisi bhi prakar ke vichar ko sveekar kiye bina uske sath sahaj rah sake | शिक्षित मन की यह पहचान है की वो किसी भी विचार को स्वीकार किए बिना उसके साथ सहज रहे।
Related Posts
- एक ही अच्छाई है, ज्ञान। एक ही बुराई है अज्ञानता।
- शिक्षा की जड़ें कड़वी होती है लेकिन फल मीठे होते है।
- मनुष्य प्राकृतिक रूप से ज्ञान कि इच्छा रखता है।
- शिक्षा बुढ़ापे के लिए सबसे अच्छा प्रावधान है।
- देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहिये।
- स्वयं को जानना सभी ज्ञान जानने की शुरुवात है।
- जो सबका मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- जो शासन करते है, उन्हें यह देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। अंततः जनता ही मुखिया होती है।
- अधिक संपत्ति नहीं, बल्कि सरल आनंद को खोजें। बड़े भाग्य नहीं, बल्कि परम सुख को खोजें।