पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है।
By : कार्ल मार्क्स
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
poonji mrit shram hai, jo pishach ki tarah keval jeevit shramiko ka khoon choos kar zinda rahat hai aur jitna adhik ye zinda rahta hai utna hi adhik shramiko ko choosta hai | पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है।
Related Posts
- मनुष्य चाहे तो प्रेम से सब कुछ हासिल कर सकता है।
- हर कलाकार अपनी कला में निपुण होता है।
- हमेशा सब कुछ हमारे मुताबिक नही होता है।
- हर चीज के खो जाने पर रोने से बेहतर है,की समझा जाए जो होता है अच्छे के लिए होता है।
- जीवन की सुंदरता को देखो और उसे जीने का प्रयास करो।
- वो कार्य करें जो आपको सही लगता हो,बजाय उस कार्य के जो दुनिया को पसंद हो।
- कभी किसी से शिकायत मत करो,बस गलत बात का विरोध करो।
- आपकी खुशी आपकी सोच पर निर्भर करती है।
- जीवन में कुछ चीजें व्यक्ति कभी नहीं भूल पाता।
- दुनिया खूबसूरत ही है,लेकिन लोग गलत मिल जाते हैं।