कृत्रिम सुख के स्थान पर ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिए।
By : ए पी जे अब्दुल कलाम
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kritrim sukh ke sthan par thos uplabdhiyo ke peeche samarpit rahiye. | कृत्रिम सुख के स्थान पर ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिए।
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- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- अपने जीवन को एक नई दिशा में ले जाने की शक्ति को कभी कम मत होने दो।
- जीतने की संकल्प शक्ति, सफल होने की इच्छा और अपने अंदर मौजूद क्षमताओं के उच्चतम् स्तर तक पहुंचने की तीव्र अभिलाषा, ये ऐसी चाबियां हैं जो व्यक्तिगत उत्कृष्टता के बंद दरवाजे खोल देती है।
- बारिश की दौरान सारे पक्षी आश्रय की खोज करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है। समस्याएँ कॉमन है, लेकिन आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता है।
- मुझे पूरा विश्वास है कि जब तक किसी व्यक्ति ने नाकामयाबी की कड़वी गोली ना चखी हो, वह कामयाबी के लिए पर्याप्त महत्वकांक्षा नहीं रख सकता।
- मनुस्य के लिए कठिनाइयों का होना बहुत जरुरी है कियोंकि कठिनाइयों के बिना सफलता का आनंद नहीं लिया जा सकता।
- इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता है, जितना कि कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
- जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है। आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है।
- जब तक हमारा अंतिम ध्येय प्राप्त ना हो जाए तब तक उत्तरोत्तर अधिक कष्ट सहन करने की शक्ति हमारे अन्दर आये, यही सच्ची विजय है।
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