संपूर्ण खुशी का सूत्र है महत्वहीन चीजों में अत्यधिक व्यस्त रहना।
By : A. Edward Newton
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Sampoorn khushi ka sutra hai mahatvahin cheejon mein atyadhik vyaast rahna. | संपूर्ण खुशी का सूत्र है महत्वहीन चीजों में अत्यधिक व्यस्त रहना।
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- पूर्ण प्रसन्नता का सूत्र है अत्यधिक व्यस्त रहना।
- कोई पछतावा नहीं। उसके लिए कोई समय नहीं है। पछतावा उबाऊ है।
- सब कुछ प्रत्यक्ष अनुभव के बजाय विमर्शात्मक राय है।
- कविता सबसे ज्यादा खुशी या सबसे गहरे दुख से आती है।
- नर्क वह स्थान है जहां व्यक्ति ने आशा करना बंद कर दिया है।
- नर्क वह स्थान है जहां व्यक्ति ने आशा छोड़ दी है।
- वास्तव में खुश होने पर व्यक्ति को कुछ साबित करने की आवश्यकता नहीं होती।
- जब आत्मा प्रसन्न होती है,तो मनुष्य भी प्रसन्न रहता है।
- इस संसार की मोह माया में खोने से बेहतर है भगवान की महिमा में विलीन हो जाओ।
- हिंसा मस्तिष्क की अपील है और अहिंसा दिल की गुणवत्ता।