जैसे पिंजड़े में बंद पंछी हिल नहीं सकता, उसके पंख काटे जाते हैं और पैर बंधे होते हैं, उसी प्रकार स्वतंत्रता से वंचित लोग प्रगति और विकास नहीं कर पाते हैं
By : Unknown
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
jaise pinjade mein band panchhee hil nahin sakata, usake pankh kaate jaate hain aur pair bandhe hote hain, usee prakaar svatantrata se vanchit log pragati aur vikaas nahin kar paate hain | जैसे पिंजड़े में बंद पंछी हिल नहीं सकता, उसके पंख काटे जाते हैं और पैर बंधे होते हैं, उसी प्रकार स्वतंत्रता से वंचित लोग प्रगति और विकास नहीं कर पाते हैं
Related Posts
- पागलपन और प्रतिभा की दूरी को केवल सफलता से ही मापा जा सकता है।
- मैं चाहता हूं की वो भी मुझसे उतना ही प्रेम करे जितना मैं उससे करता हूं।
- किसी भी कार्य में सफल होने के लिए व्यवहारिकता काम आती है
- तुम्हारे आने के बाद मेरे जीवन में कोई दुख नही रहा।
- जब किसी से कोई अपेक्षा ना हो तो व्यक्ति शांत रहता है।
- पैसो का लोभ ही साड़ी बुराइयों की जड़ है|
- शिक्षा का लक्ष्य व्यक्तियों को अपनी शिक्षा जारी रखने में सक्षम बनाना है।
- कभी कभी कुछ हासिल करने के लिए भावनाओं को ठेस पहुंचाना पड़ता है।
- ईश्वर हर जगह है।
- अवसाद वास्तव में आपको अकेला कर देता है।