ईश्वर के वचन को अस्वीकार करना पवित्र अनुग्रह को त्यागना है।
By : Unknown
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eeshvar ke vachan ko asveekaar karana pavitr anugrah ko tyaagana hai. | ईश्वर के वचन को अस्वीकार करना पवित्र अनुग्रह को त्यागना है।
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- ईश्वर हर जगह है।
- यदि कोई आपसे घृणा करता है,तो बदले में उसे प्रेम ही दो एक दिन वो आपसे घृणा करना बंद कर देगा।
- ईश्वर की शरण में जाने के बाद दोषी भी दोष मुक्त हो जाता है।
- ईश्वर को मानने के लिए पत्थर की मूर्ति पूजी जाए ऐसा जरूरी नहीं है।
- सूर्यास्त हमारी भावनाओं को जगा कर याद दिलाता है की जीवन में परिवर्तन निरंतर है,और सूर्योदय हमें फिर से नई शुरुवात करने की शक्ति देता है।
- इस संसार की मोह माया में खोने से बेहतर है भगवान की महिमा में विलीन हो जाओ।
- ईश्वर सौंदर्य का प्रतीक है।
- ईश्वर न्याय जरूर करता है चाहे देर से करे।
- जो व्यक्ति अपना ध्यान एक जगह केंद्रित नही कर सकता,वह अपने सपनों को भी पूरा नहीं कर सकता।
- जब तक जीवन है तब तक ईश्वर से प्रार्थना करते रहिए।