संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है।
By : जवाहरलाल नेहरू
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sanskrti man aur aatma ka vistaar hai. | संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है।
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- जब तक मैं स्वयं में आश्वस्त हूँ कि किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है।
- हम एक अद्भुत दुनिया में रहते हैं जो सौंदर्य, आकर्षण और रोमांच से भरी हुई है। यदि हम खुली आँखों से खोजे तो यहाँ रोमांच का कोई अंत नहीं है।
- तथ्य तथ्य हैं और आपके नापसंद करने से गायब नहीं हो जायेंगे।
- आपतियां हमें आत्म-ज्ञान कराती हैं, ये हमें दिखा देती हैं कि हम किस मिट्टी के बने हैं।
- यदि पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो वो अमीर को और अमीर और गरीब को और गरीब बना देंगी।
- अच्छी नैतिक स्थिति में होना कम से कम उतना ही प्रशिक्षण मांगता है जितना कि अच्छी शारीरिक स्थिति में होना।
- सालों के बीतने से समय नहीं मापा जाता बल्कि किसी ने क्या किया, क्या महसूस किया, और क्या हासिल किया इससे मापा जाता है।
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