जहाँ प्रेम है, वहां ईश्वर है।
By : महात्मा गाँधी
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jahaan prem hai, vahaan eeshvar hai. | जहाँ प्रेम है, वहां ईश्वर है।
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- त्याग के बिना पूजा घनघोर पाप हैं
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
- वह धार्मिक है, जो दूसरों का दर्द समझता है।
- पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।
- कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है, यह तो बहादुर की निशानी है।
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है।
- हजारों लोगों द्वारा कुछ सैकडों की हत्या करना बहादुरी नहीं है। यह कायरता से भी बदतर है। यह किसी भी राष्ट्रवाद और धर्म के विरुद्ध है।
- जो आपको दुश्मन समझते हैं,उनसे भी मित्रवत व्यवहार करना सच्चे धर्म का मर्म है.
- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
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